जब आप किसी के प्यार में होते है, तब आपको यह बताने की जरूरत नही पड़ती कि आप उस पर ध्यान लगाएं, आप इस लड़की या उस लड़के पर मन केन्द्रित करें। आप हमेशा एकाग्र रहते है।
नमस्कार दोस्तो, सबसे पहले तो यह सवाल उठता है कि आप किसी चीज़ पर ध्यान क्यों लगाना चाहते है ,क्योंकि आपको लगता है कि ध्यान लगाने मात्र से ही अच्छे नतीजो को प्राप्त किया जा सकता है। लेकिन समस्या यह है कि आपको किसी पुस्तक या अपने काम पर ध्यान लगाने मे कोई दिलचस्पी नहीं है ,आपको बस अच्छे नतीजे लाने मे दिलचस्पी है। यह हमारे साथ विद्यार्थी जीवन से शुरू होता है। जब हर कोई ध्यान लगाकर पढ़ने को कहता है,और यही एक चीज़ हमारे पास नहीं होती।
आप देखेंगे कि अगर आप बहुत आराम से अपने बिस्तर पर लेटते है ,और कोई उपन्यास पढ़ते है ,कोई प्रेम कथा या सस्पेंस थ्रिलर ,तो आप एक घंटे में 60--70 पेज पढ़ जाते है और आपको हर शब्द याद रहता है। अगर परीक्षा इन किताबों कि हो तो आप जानते है कि आप कहाँ होंगे।
मगर पाठ्यपुस्तकों के साथ इतना संघर्ष क्यों ?
पाठ्य पुस्तकों को कभी इस तरह नहीं लिखा जाता कि सिर्फ बुद्धिमान लोग ही समझ सकें , बल्कि उसे हमेशा उसी तरह लिखा जाता है कि उसे एक औसत बुद्धि वाला व्यक्ति समझ ले।
पहली बात तो यह है कि आपको शिक्षा पाने मे कोई दिलचस्पी नहीं है। आप खुद को शिक्षित सिर्फ इसलिए कर रहें है क्योकि उससे पैसा आएगा और आप अपनी जीविका को चलाएँगे। हमारे कहने का मतलब है कि अगर आप अपनी पाठय पुस्तकों को उसी तरह पढ़ेंगे ,जैसे आप कोई प्रेम कथा या उपन्यास पढ़ते है , तो आप देखेंगे कि आपको पाठय पुस्तक मे लिखा हर शब्द याद रहेगा। आपको सिर्फ थोड़ा गिरना होगा ,आपको उस पाठय पुस्तक को अपने समाज से जोड़कर उसके प्यार मे पड़ना होगा। इस तरह आप उस पर एकाग्र रहेंगे।
इस तरह आप जो भी पढ़ रहे है उसके प्यार मे पड जाइए ,जैसे आप इस पोस्ट को पढ़ते हुए कोई नया आयाम ढूँढने का प्रयास कर रहे है।
अगर आप सिर्फ रोजी -रोटी के लिए शिक्षा प्राप्त करना चाह रहे है तो यह दुर्भाग्यपूर्ण है |आप इसे बदल सकते है ,जब आप युवा होते है तो आप सोचते है कि पैसा कमाए ,तो आप अपना जीवन गलत दिशा मे ले जा रहे है |आप जल्दी जीने कि कोशिश मत कीजिये ,पहले अपने आप को पूरी तरह से विकसित कीजिये। कुछ खूबसूरत और नया करने के बारे मे सोचिए। हमेशा गुजारे के बारे मे मत सोचिए ,यही वजह है कि आप जो करना चाहतें है ,उसे समझने मे परेशानी हो रही है।
एसा ध्यान नहीं लाग्ने के कारण नहीं हो रहा है, आप जो कर रहे है उसके प्रेम मे नही पड़े है यही समस्या है।
अगर आप वाकई उससे प्यार करते है ,जो आप कर रहे है ,तो क्या किसी को आपको ध्यान लगाने के लिए कहना पड़ेगा ? आपका दिमाग हमेशा उसी पर केन्द्रित रहेगा।
