Day 25. Monday
1. लॉजिस्टिक्स के कोई चार प्रकार बताइए । 20W
उत्तर
1. इन बाउंड लॉजिस्टिक्स (Inbound Logistics)
2. आउट बाउंड लॉजिस्टिक्स
3. रिवर्स लॉजिस्टिक्स
4. थर्ड पार्टी लॉजिस्टिक्स (3PL)
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| Day 25 |
2. आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन और प्रचालन तन्त्र में मुख्य अंतर को सूचीबद्ध कीजिए। 50W
उत्तर
SCM (आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन)
1. यह व्यापक अवधारणा है जिसमें उत्पादों के निर्माण से लेकर ग्राहकों तक उत्पाद पहुंचाने की गतिविधियाँ शामिल है।
2. इसका उद्देश्य ग्राहकों को कम लागत पर अधिक व उचित लाभ देना।
3. यह आधुनिक अवधारणा है।
4. इसमें नेटवर्क के सभी चरण शामिल है। जैसे - PDMDR
LM (लॉजिस्टिक मिश्रण / प्रबंधन)
1. यह SCM का ही एक भाग है जिसमें माल परिवहन सम्बंधित गतिविधियां शामिल है।
2. इसका उद्देश्य है वस्तु एवं सेवा को उचित समय पर एवं उचित स्थान पर सुरक्षात्मक रूप् से पहुंचाना।
3. यह प्राचीन अवधारणा है जिसकी उत्पत्ति सैन्य जगत में हुई थी।
4. इसमें केवल परिवहन के चरण शामिल है,
जैसे- Information flow, Warehousing, Inventory control, Packaging etc.
3 आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन को अपने शब्दों में परिभाषित कीजिए। 20W
उत्तर
आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन आपूर्तिकर्ताओं, निर्माताओं गोदामों और दुकानों को एकीकृत करने के लिए उपयोग किए जाने वाले दृष्टिकोणों का एक समूह है ताकि वस्तुओं और सेवाओं का सही मात्रा में, सही स्थान पर सही समय पर सेवा स्तर की आवश्यकता के अनुरूप उत्पादन एवं वितरण किया जा सके।
4 आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन के चरण / घटको का उल्लेख कीजिए। 50W
उत्तर
1. नियोजन (Planning):- ग्राहकों को उनकी आवश्यकता के अनुसार वस्तु एवं सेवा उपलब्ध करवाने हेतु रणनीतिक योजना बनाना एवं आवश्यक संसाधनों को एकत्रित करना।
2. सोर्सिग (Sourcing):- प्लानिंग अनुसार प्रोडक्ट तैयार करने हेतु आवश्यक कच्चे माल, सामान व अन्य सेवाओं को प्राप्त करने हेतु सप्लाईयर ढूँढ़ना तथा उनसे अच्छे सम्बंध बनाना।
3. उत्पाद बनाना (Manufacturing):- इस चरण में उत्पाद के लिए आवश्यक कच्चे माल की समीक्षा कर उत्पाद निर्माण प्रक्रिया प्रारम्भ की जाती है। इस चरण में उत्पाद का निर्माण, गुणवता परीक्षण व पैकेजिंग की प्रक्रिया भी शामिल होती है।
4. वितरण (Distrubution/Delivering ):- मैन्यूफेक्चरिंग के बाद तैयार उत्पाद को ग्राहकों तक लॉजिस्टिक्स के माध्यम से पहुंचाना। उत्पाद को प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष माध्यमों से ग्राहकों को उचित समय पर पहुंचाया जाता है।
5. वापसी (Returing):-
SCM का कार्य केवल प्रोडक्ट की डिलीवरी तक सीमित नहीं होता, बल्कि उत्पाद में शिकायत या दोष आता है तो डिफेक्टिव प्रोडक्ट की वापसी भी SCM के इस चरण में हँडल होती है।
आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन, आपूर्ति श्रृंखला गतिविधियों का ऐसा सक्रिय प्रबंधन है जो ग्राहक मूल्य बढ़ाता है तथा प्रतिस्पर्धापूर्ण लाभ को स्थाई बनाता है।
5 .भारतीय समाजशास्त्र के जनक गोविन्द सदाशिव गुरिये की किन्ही चार पुस्तकों के नाम लिखिए। 20W
उत्तर
1 Cast & Race in India
2 Culterre & Society
3 Cast, class and occupation
4 The Schedule Tribe
6 .D.P. मुखर्जी का परम्परा एवं सामाजिक परिवर्तन का सिद्धांत क्या हैं ? 50W
उत्तर
मुखर्जी के अनुसार परंपराएं मरती नहीं है बल्कि नवीन परिस्थितियों एवं परिवर्तनों के साथ सामंजस्य कर लेती है।
वर्तमान में अध्ययन से पूर्व परम्पराओं को समझना आवश्यक है, परंपरा तथा आधुनिकता में संघर्ष होता है।
आधुनिकीकरण की प्रक्रिया भी सत्त रहती है।
परम्परा :- परम्परा शब्द का मूल अर्थ संचारित करना या प्रेषित करना अर्थात् समाज की प्रथाओं, रीति रिवाजों को अगली पीढ़ी में हस्तांतरित करना ही परंपरा है।
D.P. मुखर्जी ने भारत्तीय परम्परा में परिवर्तन के तीन आधार बताए -
① श्रुति 2 स्मृति 3 अनुभव
मुखर्जी के अनुसार अनुभव भारतीय समाज में परिवर्तन का सर्वप्रथम सिद्धांत सामान्य अनुभव या सामुहिक अनुभव
7.भू-अभिाधारियों के प्रकार ? 20W
उत्तर
① खातेदार अभिधारी
इस अधिनियम के लागू होने के समय से जिस व्यक्ति को भूमि ग्रहण के लिए अधिकृत किया गया।
② खुदकाश्त अभिधारी
वह व्यक्ति जिसने इस अधिनियम के लागू होने के बाद विधिवत् रूप से किसी भूमि को पट्टे पर लिया है।
③ गैर - खातेदार अभिधारी
जो खातेदार अभिधारी या खुदकारत अभिधारी नहीं है। (अन्य तरीके से भूमि प्राप्त की है)
④ मालिक
प्रत्येक जमींदार जिसकी भूमि राज्य के अधीन है।
8 भूमि के उपयोग परिवर्तन संबंधी नियम बताए ? 50W
उत्तर
कृषि भूमि का गैर-कृषि कार्य हेतु उपयोग (धारा-१० क)
आहधनियम के प्रावधानों के अनुसार कृषि योग्य भूमि का उपयोग केवल कृषि हेतु ही किया जाता है। हालोकि कुछ शर्तों पर गैर कृषि कार्य हेतु काम में ली जा सकती है?
① भूमि के रुपान्तरण हेतु लिखित, सशुल्क, एवं मयवितरण आवेदन कलेक्टर / अन्य सक्षम अधिकारी को किया जाता है।
② आवेदन में दी गई जानकारियों से पूर्णतः संतुष्ट होने पर कलेक्टर / अन्य सभ्रम अधिकारी आवेरक से निम्नलिखित राशि मांग सकते है।
A पट्टे की राशि
B प्रीमियम राशि (मूत गारी के अतिरिक्त)
© नगर सुधार कर
D उपर्युक्त सभी
यदि उपर्युक्त शर्तों के पूरा न करने पर भी कृषि भूमि गैर कृषि कार्यों में काम ती जाए तो ऐसे कार्यों को रोका जा सकता है।
9 खुदकाश्त को परिभाषित करें ? 20W
उत्तर
राज्य के किसी भाग में किसी भू सम्पतिधारी द्वारा स्वयं काश्त की गयी भूमि और उसमें है ऐसी भूमि जो इस अधिनियम के प्रारंभ के समय बन्दोबस्त कागजात में खुदकाश्त, सीर, हवाला, निजी जोत घर खेड़ के रूप में उस समय जबकि उक्त कागजात तैयार किये थे, प्रवृत्त कानून के अनुसार दर्ज की गयी हो। उक्त प्रारंभ के पश्चात् राज्य के किसी भाग मे तत्समय प्रवृत किसी कानून के अन्तर्गत खुदकाश्त के रूप में आंवटित भूमि सम्मिलित होगी।
10. भूमि धारियों के अधिकार बताएं ? 50W
उत्तर
1 निवास के लिए मकान हेतु स्थान का अधिकार
2 लिखित पट्टा एवं उसके प्रतिलेख का अधिकार
3 पट्टों का प्रमाणीकरण करने का अधिकार
4 प्रीमियम एवं बेगार से मुक्ति
5 लगान से भिन्न संदाय से मुक्ति
6 रिहायशी घर से संबंधित सामग्री उपयोग करने का अधिकार
7 नालबट के अधिकार का अधिग्रहण करना।
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