पर्सनैलिटी कैसी होनी चाहिए? यह आप खुद तय कर लेंगे, इस आर्टिकल का उद्देश्य आपको personality का सही अर्थ और महत्व समझाना है। जब आप अपना लक्ष्य या जीवन तय करने वाले होते हैं तो ऐसा उस समय करें जब आप खुश और स्वस्थ दिमाग के साथ हो अपने आस-पास की किसी चीज से प्रभावित होकर नहीं, अकेले बैठकर सोचे कि आप अपने जीवन में क्या बनना चाहते हैं। कौन सी चीज हमेशा महत्वपूर्ण होगी आपके लिए, आपको उसके लिए किसी खास पर्सनैलिटी की जरूरत नहीं है आप बस मेहनत कीजिए जरूरी पर्सनैलिटी अपने आप बन जाएगी।
देखिए आपको पर्सनैलिटी का मतलब समझना चाहिए...
देखिए आपको पर्सनैलिटी का मतलब समझना चाहिए...
personality शब्द persona से बना है persona का अर्थ लैट्रिन में मुखौटा होता है। एक मुखौटा जो पुराने सिनेमाघरों में उपयोग किया जाता था, एक ही व्यक्ति कई किरदार निभाया करता था। मान लीजिए स्टेज पर रामायण चल रही है, आपको राम का किरदार भी निभाना है, सीता का भी और लक्ष्मण का भी। हर किरदार के लिए एक-एक मुखौटा लगाकर बोलना है, अब आप राम की तरह बोलते हैं, उसे नीचे रखकर दूसरा मुखौटा उठाते और सीता की तरह बोलते हैं, दूसरा लगाकर हनुमान की तरह बोलने का प्रयास करते हैं। नाटक इसी तरह किए जाते थे। तो personality का मतलब आपने एक मुखौटा लगाया और वो मुखौटा आपके शरीर से शिपक गया। आप इसे निकाल नहीं पा रहे है।
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| what should be the personality? |
पर्सनैलिटी एक ऐसी चीज है जिसे लोग develop करने की कोशिश करते हैं क्योंकि उन्हें खुद का कोई एहसास नहीं होता। असली चीज के बजाय आप एक नकली चीज को मजबूत बनाने की कोशिश करते हैं, अगर आप खुद को ठीक वैसे देखते हैं, जैसे आप हैं तो आपको पर्सनैलिटी क्यों चाहिए, इसकी कोई जरूरत नहीं है आप अलग-अलग जगहों पर अलग-अलग पर्सनैलिटी रख सकते हैं। आप पहले से ऐसे हैं या एक ही पर्सनैलिटी में अटक गए हैं। कुछ लोग अटक गए हैं सामान्य मनुष्य की सिर्फ एक personality होती है जबकि दूसरे लोगों की जीवन में अलग-अलग क्षेत्रों में अलग-अलग पर्सनैलिटी होती है। मुझे उम्मीद है कि आप इन बातों को समझ पा रहे होंगे, चलो इसे एक रोचक कहानी से समझते हैं...
यह कहानी आपने सुनी होगी, एक संत हुआ करते थे वे इतना बुद्धिमान थे कि हर दिन उनके पास भीड़ लगी रहती थी, राजा भी उनके पास गया राजा को लगा कि इतने बुद्धिमान संत को उसके दरबार में होना चाहिए। राजा ने संत से कहा कि आपको मेरा मुख्यमंत्री बन जाना चाहिए आपके जैसे बुद्धिमान व्यक्ति को एक पेड़ के नीचे बैठकर बुद्धि व्यर्थ नहीं करनी चाहिए। आपको लोगों के काम आना चाहिए, संत ने कहा ठीक है मगर मेरी एक शर्त है कि आपको अपने महल में मुझे एक कमरा देना होगा, जहां मैं हर दिन एक घंटा बिताऊंगा। आप कभी उस कमरे में नहीं आएंगे, कभी नहीं पूछेंगे कि ऐसा क्यों है? कभी उसमें जबरदस्ती नहीं घुसेंगे उस कमरे में आप के नौकर-चाकर कोई नहीं आ-जा सकता, राजा बोला कोई दिक्कत नहीं है मुझे क्या दिक्कत होगी, आपको एक कमरा चाहिए और मैं भला उसमे ताक-झाँक क्यों करूंगा।
उसके बाद जब भी राजमहल में कोई अहम बैठक होने वाली होती वो संत जो अब मंत्री बन चुका था, वो राज महल के हिसाब से वैसे कपड़े पहनता था मगर अंदर जाकर 1 घंटे के लिए खुद को अपने कमरे के अंदर बंद करता और फिर बाहर आता। कुछ महीने और साल बीत गए मगर फिर राजा की जिज्ञासा समय के साथ बढ़ती चली गई, यह जिज्ञासा हमें मंगल तक ले जा चुकी है...😊 राजा जानना चाहता है कि वह आदमी रूम के अंदर क्या करता है समय बीतता गया और अफवाहें फैलने लगी थी उसने अंदर किसी को रखा हुआ है वह पड़ोसी राज्य का जासूस भी हो सकता है,वगैरह वगैरह। पूरा राजमहल कानाफूसी से उलझा हुआ है कि वह उस कमरे में क्या करता है हर कोई उस कमरे में जाना चाहता है लेकिन उस पर हमेशा ताला लगा रहता है। वो संत बस अंदर जाता है थोड़ा समय बिताकर बाहर आता है और जब भी कोई म्हत्वपूर्ण काम या फैसला करना होता है, तो वह अंदर चला जाता।
एक दिन राजा से रहा नहीं गया राजा ने उससे पूछा कि मैं देखना चाहता हूं कि उस कमरे में क्या है संत ने जवाब देते हुए कहा कि आपने मुझसे एक वादा किया था अगर वह वादा तोड़ते हैं तो मैं यहां से चला जाऊंगा, राजा ने खुद को नियंत्रित किया सोचा कि वे उन्हें खोना नहीं चाहते वह बहुत बुद्धिमान हैं। समय बीतता गया दूसरे दरबारी कवि राजा के कान भरने लगे कि आप जांच क्यों नहीं करते, पता नहीं अंदर क्या चलता है कुछ खतरनाक हो सकता है।
एक दिन संत कहीं बाहर गए हुए थे तो राजा ने दरवाजा तोड़ा और अंदर चले गये उन्होंने चारों ओर देखा कमरा खाली था फर्नीचर कुछ नहीं बस खाली कमरा उन्हें कुछ नहीं मिला दोनों फिर एक कोने में उन्हें कुछ पुराने कपड़े लटके हुए मिले और एक भीक्षा पात्र मिला। इसी समय संत अंदर आते हैं और बोलते हैं कि देख लिया सब कुछ... राजा ने कहा कि आप यहां क्या करते हैं, वह बोले मुझे जब भी कोई महत्वपूर्ण फैसला करना होता है तो मैं यहां आता हूं अपने पुराने कपड़े पहनता हूं और यह कटोरा लेकर बैठता हूँ, ताकि मुझे राजमहल की चीजे प्रभावित न कर पाये और आपने वादा तोड़ दिया है और वह चले गए।
एक दिन संत कहीं बाहर गए हुए थे तो राजा ने दरवाजा तोड़ा और अंदर चले गये उन्होंने चारों ओर देखा कमरा खाली था फर्नीचर कुछ नहीं बस खाली कमरा उन्हें कुछ नहीं मिला दोनों फिर एक कोने में उन्हें कुछ पुराने कपड़े लटके हुए मिले और एक भीक्षा पात्र मिला। इसी समय संत अंदर आते हैं और बोलते हैं कि देख लिया सब कुछ... राजा ने कहा कि आप यहां क्या करते हैं, वह बोले मुझे जब भी कोई महत्वपूर्ण फैसला करना होता है तो मैं यहां आता हूं अपने पुराने कपड़े पहनता हूं और यह कटोरा लेकर बैठता हूँ, ताकि मुझे राजमहल की चीजे प्रभावित न कर पाये और आपने वादा तोड़ दिया है और वह चले गए।
जब आप झूठ बोलते हैं और उसे बनाए रखने के लिए आपको लगातार झूठ ही बोलना पड़ता है, मगर सच हमेशा सच ही रहता है अगर कोई चीज़ सच है और आप उसे भूल जाएं फिर भी वह मौजूद रहेगी।
अब तक की सारी बातों का सार यह है कि आपकी पर्सनैलिटी झूठ है, आपका अस्तित्व ही सच है, आप जो समाज के लिए जो रूप रचते हैं। समाज में काम करने के लिए आपको एक मेकअप की जरूरत पड़ती है, आपको उसे उतारने में सक्षम होना चाहिए।
अब तक की सारी बातों का सार यह है कि आपकी पर्सनैलिटी झूठ है, आपका अस्तित्व ही सच है, आप जो समाज के लिए जो रूप रचते हैं। समाज में काम करने के लिए आपको एक मेकअप की जरूरत पड़ती है, आपको उसे उतारने में सक्षम होना चाहिए।
अगर हारने से डर लगता है तो जीतने की इच्छा मत करो और अगर जीतना चाहते हो तो हमारे साथ आगे बढ़ो, बस कुछ समय की है बात एक नए आर्टिकल को लेकर जल्द होंगे आपके साथ।
