क्या है 5G network की technology? कैसे बदलेगा आपकी जिंदगी।
आने वाला समय 5g technology का हैं यानी मोबाइल नेटवर्क की पांचवी पीढ़ी और यह पहले के मोबाइल नेटवर्क से बिल्कुल अलग होने वाला है। technology में समय के साथ कुछ बड़े तकनीकी बदलाव होते हैं और उनकी एक नई पीढ़ी आती है। 80 के दशक में वायरलेस टेलीकम्युनिकेशन की शुरुआत हुई, इससे दो लोग एक मोबाइल डिवाइस के जरिए आपस में दूर से ही बात कर सकते थे। यह मोबाइल टेलीकम्युनिकेशन की प्रथम पीढ़ी थी। 90 के दशक में 2G की entry होती है, 1g के मुकाबले 2G ने डिजिटल सिग्नल को अपनाया। इससे यह हुआ कि फोन सिगनल ज्यादा सुरक्षित थे और फोन में संदेश भेजे जा सकते थे। इसी प्रक्रिया में 21वीं सदी में 3G और 4G से इतना बड़ा बदलाव देखने को मिला जो बाकि networks से कई गुना अधिक था।
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| क्या है 5G network की technology? कैसे बदलेगा आपकी जिंदगी। |
अब हम 5जी के मुहाने पर खड़े हैं जो बहुत बड़ा बदलाव लाने वाला है तो ऐसा क्या है 5g में? अगर एक शब्द में कहें तो speed, लेकिन यह तो इसका केवल एक पहलु है इसके अलावा 5G autonomous car, virtual reality, internet-of-things ये सभी 5g तकनीक पर आधारित होंगी और 5g इनके संदर्भ में क्रांतिकारी बदलाव होने वाला है। 5G में प्रमुख तकनीकी बदलाव क्या किए गए! आखिर ऐसा क्या किया गया है कि 5G, 4G से कई गुना अधिक प्रभावी है आइए जानते हैं 5G में इस्तेमाल होने वाली पांच प्रमुख तकनीक के बारे में⇨
1. Millimeter waves -
कोई एक चीज जो 5G की speed के लिए जिम्मेदार है, वह है high frequency radio या millimeter-wave, Waves के बारे में आप जानते होंगे, जैसे पानी की लहरें होती है उसी प्रकार हमारे चारों और विद्युत चुंबकीय तरंगे होती है, हम इनकी radiation से घिरे हुए हैं लेकिन इनका एक बहुत छोटा हिस्सा है जो हम महसूस कर पाते हैं जैसे - प्रकाश।
5G में high frequency radio waves का उपयोग होने वाला है जो कि पहले नहीं होता था, किसी भी चीज की हाई फ्रिकवेंसी में स्पीड बढ़ाई जा सकती है लेकिन पहले समस्या यह थी की इनकी तरंगों का संचार ज्यादा दूरी तक नहीं हो पाता था। बारिश या बिल्डिंग के कारण सिग्नल कमजोर पड़ जाते थे इसलिए 5G में दूसरा बड़ा तकनीकी बदलाव किया गया जिसको small cells कहा गया आइए विस्तार से जानते हैं क्या है small cells
2. Small cells
हम सभी जानते हैं कि जो हमारे फोन में नेटवर्क आता है, वह हमारे आसपास लगे टॉवर की वजह से आता है चूंकि 5g की millimeter-wave बहुत दूर तक नहीं जा सकती इसलिए हमें छोटे-छोटे बहुत सारे सेल टावर लगाने होंगे ताकि पूरे गांव या शहर के नेटवर्क में समस्या ना आए यानी हमे 250 मीटर के दायरे में सेल टावर देखने को मिलेगा। ये बहुत ही छोटे tower होंगे, इन्हें टावर कहना भी सही नहीं है, इन्हें कहीं पर भी लगाया जा सकता है।
3. Massive mimo
Mimo यानी multiple input multiple output इसका इस्तेमाल 4G टावर में भी किया जाता है लेकिन 4g के सेल टावर में 12 antenna port होते हैं जबकि 5G small cells tower में 100 antenna ports होंगे। आप सोच रहे होंगे कि 100 से ज्यादा एंटीना पोट्स होंने पर सिग्नल डिस्टर्ब तो नहीं होगी जी हां सिग्नल डिस्टर्ब ना हो उसके लिए इसमें एक चौथा तकनीकी बदलाव किया गया है जिसे beam forming कहा गया है।
4. Beam forming
पानी में कंकड़ मारने पर उसमें तरंगे चारों दिशाओं में बराबर जाती है, रेडियो एंटीना से जो तरंगे निकलती है उनके साथ भी लगभग ऐसा ही होता है सिग्नल डिस्टर्ब ना हो उसके लिए यह उनको सही रास्ता दिखाने का काम करेगा यानी यह millimeter-wave को भटकने या कमजोर होने से रोकेगा।
5. Full Duplex
इस तकनीक का इस्तेमाल सिग्नल का रास्ता dubble Lane करने के लिए होता है यानी आमतौर पर जो सेल टावर लगे होते हैं उनका रास्ता सिंगल लेन होता है यानी वह एक समय में या तो सिग्नल ले सकते हैं या दे सकते हैं लेकिन full-duplex एक ऐसी तकनीक है जिससे एक ही समय पर सिग्नल भेजे और प्राप्त किए जा सकते हैं
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5g कैसे बदलेगा आपकी जिंदगी
यह नई तकनीक आपके इंटरनेट इस्तेमाल करने के अनुभव को तो बदलेगी ही, साथ हि आपके रोजमर्रा के काम को बेहद आसान कर देगी 5g इंटरनेट स्पीड में तो आगे है हि लेकिन यह बाकी सब से अलग दुनिया है यानी पृथ्वी से मंगल जाने जैसा है।
मशीनें आप से बातें करेंगी, आपका इंटरव्यू artificial intelligence पर आधारित रोबोट लेंगे। यह आपके फ्रिज को यह फैसला करने में मदद करेगा कि आपके लिए सब्जियां ऑर्डर कब करनी है ताकि एक सेल्फ ड्राइविंग ट्रक सही समय पर डिलीवर कर सकें। अब तक हमें मशीनों को निर्देश देने की जरूरत होती थी।, 5g की दुनिया में मशीनें आपसे राय लेंगी या खुद ही निर्णय लेने की क्षमता रखेंगी।5G तेज internet speed के साथ स्थिरता प्रदान करेगा, दुनिया भर में इसके ट्रायल जारी हैं।
