Day 4 Thursday
1 डेविड लिवरमोर के अनुसार सांस्कृतिक बुद्धि क्या हैं ?(20W)
उत्तर:
सांस्कृतिक बुद्धि तथा सांस्कृतिक लब्धि एक शब्द है जो व्यवसाय, शिक्षा, सरकार और अकादमिक शोध में उपयोग किया जाता है। सांस्कृतिक बुद्धि को विभिन्न संस्कृतियों में प्रभावीढंग से संबंधित होने और कार्य करने की क्षमता के रूप में समझा जा सकता है। इसे अंतर-सांस्कृतिक क्षमताओं की बुद्धि के रूप में देखा जा सकता है जिसे मापा और विकसित किया जा सकता है।
![]() |
| Day 4 |
2 बुद्धि पर संस्कृति के प्रभाव को समझाइए। (50W)
उत्तर
बुद्धि पर संस्कृति का प्रभाव-
➤ व्यक्ति का सांस्कृतिक पर्यावरण बुद्धि के विकसित होने में एक संदर्भ प्रदान करता है।
वाइगॉट्सकी ने कहा कि संस्कृति एक ऐसा सामाजिक संदर्भ प्रदान करती है जिसमें व्यक्ति रहता है, विकसित होता है और अपने आस-पास के जगत को समझता है। उदाहरण के लिए तकनीकी रूप से कम विकसित तथा सांवेगिक कौशलों को अधिक महत्व दिया जाता है जबकि तकनीकी रूप से विकसित समाज में तर्कता तथा निर्णय लेने की योग्यता पर आधारित निजी उपलब्धियों को बुद्धि समझा जाता है।
स्टेनबर्ग के अनुसार व्यावहारिक बुद्धि का अर्थ यह है कि बुद्धि संस्कृति का उत्पाद होती है।
वाइगॉट्सकी का मत है कि संस्कृति ही यह निर्धारित करती है कि अंततः किसी व्यक्ति का बौद्धिक विकाय किस प्रकार का होगा। उन्होनें कहा कि कुछ मानसिक प्रक्रियाएं है परंतु उच्च मानसिक प्रक्रियाएं (जैसे समस्या समाधान करना तार्किक चिंतन करना आदि की शैलिया मुख्यतः संस्कृति का प्रतिफल है)
गैर पश्चिमी समाज- समाज केंद्रित, सामूहिक उन्मूलता
पश्चिमी समाज- निजी उपलब्धियों तथा व्यक्तिपरक उन्मुखता
3 व्यक्तिगत व्यवहार को आकार देने वाले किन्ही 4 कारकों को सूचीबद्ध कीजिए। (20)
उत्तर
व्यक्तिगत व्यवहार को आकार देने वाले या निर्धारित करने वाले कारक निम्न है -
1. सकारात्मक सुदृढीकरण (Positive Reinforcement):-
यह तब होता है जब एक व्यवहार के परिणाम के रूप में एक वांछनीय घटना या प्रोत्साहन दिया जाता है और व्यवहार में सुधार होता है। एक सकारात्मक सुदृढ़ीकरण एक प्रोत्साहन है जिसको प्राप्त करने के लिए एक व्यक्ति काम करता है।
2. नकारात्मक सुदृढीकरण (Negative Reinforcement):-
यह सुदृढ़ीकरण तब होता है जब एक प्रतिकूल घटना या उत्तेजना को हटा दिया जाता है या होने से रोका जाता है और व्यवहार की दर में सुधार होता है। नकारात्मक सुदृढ़ीकरण एक प्रेरक है जिसमें एक व्यक्ति अपनी घटना को समाप्त करने, उससे बचने, स्थगित करने के लिए काम करता है।
3. सज़ा (Punishment):-
यह अवांछित व्यवहार को दूर करने के लिए कुछ अप्रिय स्थितियों का निर्माण करने की प्रक्रिया है।
4. अवसान (Extinction):-
किसी भी अवांछित व्यवहार के कारण किसी भी प्रकार के सुदृढीकरण को खत्म करने की प्रक्रिया।
5. सुदृढीकरण की अनुसूचियां (Schedules of Reinforcement):-
इसमें सुदृढ़ीकरण करने की विभिन्न अनुसूचियों को परिभाषित किया जाता है, वे है निरंतरता, निश्चित अंतराल, चर अंतराल, निश्चित अनुपात और चर अनुपात।
4 व्यक्तिगत व्यवहार के मार्स (Mars) मॉडल को समझाइए। (50W)
उत्तर
व्यक्तिगत व्यवहार का मार्स (MARS) मॉडल
व्यक्तिगत व्यवहार का मार्स मॉडल अभिप्रेरणा, योग्यता, व्यक्ति की भूमिका तथा स्थितिगत कारकों पर आधारित है। अर्थात् इस मॉडल में व्यक्तिगत व्यवहार और परिणामों को निर्धारित करने वाले चार प्रमुख कारकों को चिह्नित किया गया है। (MARS- Motivation, Ability, Role Perceptions, Situational Factors)
इस मॉडल को विभिन्न स्थितियों में लागू किया जा सकता है, लेकिन आमतौर पर प्रबंधन, औद्योगिक मनोविज्ञान या संगठनात्मक व्यवहार अध्ययन में लागू किया जाता है। यह मॉडल दर्शाता है कि इन चार कारकों का व्यक्तिगत प्रदर्शन पर मिश्रित प्रभाव पड़ता है। यदि कोई कारक कमजोर होता है, तो प्रदर्शन कम हो जाएगा।
कोई भी व्यवसायिक संस्था या उद्यम ग्राहक सेवा में उत्कृष्ट कंटेनर स्टोर तथा प्रबंधन हेतु MARS मॉडल के सभी चार कारकों पर ध्यान देते हैं। जो निम्न है-
1. अभिप्रेरणा
अभिप्रेरणा को आंतरिक शक्तियों के रूप में वर्णित किया जा सकता है जो किसी व्यक्ति के व्यवहार की स्वैच्छिक पसंद की दिशा, तीव्रता और धैर्य को प्रभावित करती है। इसमें शामिल हैं-
A दिशा लक्ष्यों द्वारा केंद्रित।
B आवंटित प्रयास का बड़ा हिस्सा।
C तीव्रता , दृढ़ता - प्रयास किए जाने के लिए लगने वाले समय की मात्रा।
2. योग्यता
उदाहरण के लिए - एक टीम लीडर टीम के सदस्यों को कुशलता से काम करने के लिए प्रोत्साहित करता है।
योग्यता एक कार्य को सफलतापूर्वक पूरा करने के लिए आवश्यक प्राकृक्तिक प्रवृत्ति और सीखी हुई क्षमता है। इसके चार अलग-अलग भाग होते हैं -
अभिरुचि - प्राकृतिक प्रतिभा जो लोगों को अधिक कुशलता से सीखने और प्रभावी ढंग से प्रदर्शन करने में मदद करती है।
सीखी गई क्षमताएं - निपुणता, कौशल और ज्ञान। योग्यताएं - क्षमताएं, व्यक्तिगत मूल्य, व्यक्तित्व लक्षण और लोगों की अन्य विशेषताएं जो बेहतर प्रदर्शन का परिणाम देती हैं।
व्यक्ति-जॉब फिट - प्रशिक्षण के माध्यम से कर्मचारी क्षमताओं का विकास करने व्यक्ति की मौजूदा क्षमताओं को फिट करने के लिए नौकरी को नया स्वरूप देना
3. भूमिका धारणाएँ
भूमिका धारणा में व्यक्ति यह निर्धारित करता है कि वांछित परिणाम प्राप्त करने के लिए कौन-सा व्यवहार आवश्यक है। इसके अन्तर्गत निम्न कार्य किए जाते हैं-
A किए जाने वाले कार्यों को समझना।
B आवंटित कार्यों के संबद्ध महत्व को समझना।
C संबंधित कार्यों को पूरा करने के लिए पसंदीदा व्यवहारों को समझना।
D भूमिका धारणाओं को स्पष्ट करना
5 क्या कृत्रिम व्यक्तियों का आपराधिक दायित्व होता हैं ? संक्षिप्त में उत्तर लिखिए। (20 W)
उत्तर
हाँ, क्योंकि यह अनुबंध कर सकता है, अपने नाम पर संपत्ति रख सकता है, मुकदमा कर सकता है और दूसरों द्वारा मुकदमा चलाया जा सकता है। कंपनी अधिनियम 2013 के तहत "पंजीकृत संस्था" ही कृत्रिम व्यक्ति हैं।
6 व्याख्यात्मक टिप्पणी लिखिए। (50 W)
उत्तर
व्यक्तित्व की संकलपना (निगमित संस्था) के महत्वपूर्ण सिद्धांत
① कल्पना का सिद्धांत (Image) (समर्थक सामण्ड, सैविनी, उटग्रे)
निगमित संस्थाएँ, विधि की कल्पनाओं पर जन्म लेती है। (Imagine) इनका स्वयं का अस्तित्व विधिक दृष्टिकोण से काल्पनिक होता है।
② यर्थाथता का सिद्धांत (समर्थक पोलक)
कल्पना का यथार्थ निरुपण : निगमित संस्थाएँ सिर्फ कल्पना आधारित नहीं होती, बल्कि इन्हें स्थापना से पूर्व वैधानिक औपचारिकताओं का पालन करना पड़ता है, जो सत्यता पर आधारित होती है।
③ कोष्ठक सिद्धांत (Bracket theory) (प्रतीकात्मक रूप) (समर्थक "इहरिंग ")
〰निगमित संस्थाओं के सदस्य ही वास्तविक अस्तित्व प्राप्त सदस्य होते है।
〰पंजीकृत संस्थाएँ तो केवल कोष्ठक में विद्यमाने अस्तित्व होता है।
〰वास्तविक रूप से केवल जीवित सदस्य ही वास्तविक हितधारक होते है। (प्राकृतिक व्यक्ति)
Read Also : Ras Mains Answer Writing Day 3 Model Answer Key
