Day 7 Monday
1. मार्गरेट मीड के शब्दों में व्यक्तित्व को परिभाषित कीजिए। 20 W
उत्तर
व्यक्तित्व , सोचने , महसूस करने और व्यवहार करने का एक विशिष्ट तरीका है । व्यक्तित्व में मूड, दृष्टिकोण और राय शामिल हैं और यह अन्य लोगों के साथ बातचीत में सबसे स्पष्ट रूप से व्यक्त होता है।
इसमें अंतर्निहित और अर्जित दोनों तरह की व्यवहार संबंधी विशेषताएँ शामिल हैं, जो एक व्यक्ति को दूसरे से अलग करती हैं और जिन्हें लोगों के पर्यावरण और सामाजिक समूह के साथ संबंधों में देखा जा सकता है ।
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| Day 7 |
2 शीलगुण उपागम के संदर्भ में गार्डन आलपोर्ट के विशेषक सिद्धांत को समझाइए।
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उत्तर
ऑलपोर्ट का विशेषक सिद्धांतः-
गार्डन ऑलपोर्ट ने प्रस्तावित किया कि व्यक्ति में अनेक विशेषक होते है जिनकी प्रकृति गत्यात्मक होती है। ऑलपोर्ट ने विशेषकों को तीन वर्गों में वर्गीकृत कियाः-
1. प्रमुख विशेषक ; ये अत्यंत सामान्यकृत प्रवृतियाँ होती है ये उस लक्ष्य को इंगित करती है जिसके चतुर्दिक व्यक्त्ति का पूरा जीवन व्यतीत होता है, महात्मा गाँधी की अहिंसा और हिटलर का नाजीवाद इसके उदाहरण है। ये विशेषक व्यक्ति के नाम के साथ इस प्रकार से जुड़े होते है कि उनकी पहचान ही व्यक्ति के नाम के साथ हो जाती है।
2. केन्द्रीय विशेषकः- प्रभाव में कम व्यापक किंतु फिर भी सामान्यीकृत प्रवृतियाँ ही केंद्रीय विशेषक के रूप में जानी जाती है। ये विशेषक प्रायः लोगों के प्रंशसपत्रों में तथा नौकरी की संस्तुतियों में किसी व्यक्ति के लिए लिखे जाते है। उदाहरणः स्फूर्त, निष्कपट, मेहनती इत्यादि।
3. गौण विशेषकः- व्यक्ति की सबसे कम सामान्यीकृत विशिषताओं के रूप में गौण विशेषक जाने जाते है।
उदाहरणः- मुझे आम पसंद है।
3 पीटी यंग के शब्दों में अभिप्रेरणा को परिभाषित कीजिए। 20 W
उत्तर
प्रेरणा व्यवहार को जागृत करने, क्रिया के विकास को सम्पोषित करने और क्रिया के तरीकों को नियमित करने की प्रक्रिया है।
Note : अन्य महत्वपूर्ण परिभाषाएं -
फीस्ट और रोज़नबर्ग (2015) ने अभिप्रेरण को परिभाषित किया कि "अपने कार्य को पूरा करने के लिए अभिप्रेरण
उद्देश्य की तरफ आगे बढ़ने की इच्छा"।
चेमारो-प्रिमाइज (2015) द्वारा अभिप्रेरण को परिभाषित किया गया कि एक आन्तरिक अवस्था जिसका स्वरूप स्थिर होने के बजाय गतिशील होता है। जो क्रिया को प्रेरित करता है, व्यवहार को निर्देशित करता है और सहज ज्ञान व सास्कृतिक जरूरतों तथा उद्देश्यों दोनों को संतुष्ट करने के लिए उन्मुख होता है।
क्युक, नेजसन और खंडेलवाल (2013) ने अभिप्रेरण को परिभाषित किया कि 'उद्देश्य निर्देशित व्यवहार को उत्तेजित व जारी रखने की प्रक्रिया" अभिप्रेरण है।
नोलेन-होक्समा क्रेडरिकलन लोफ्टस और लट्स (2009) ने अभिप्रेरण का वर्णन किया कि "एक ऐसी अवस्था जो व्यवहार को ऊर्जा प्रदान करती है और इसे दिशा निर्देश देती है"।
4 अभिप्रेरण के संदर्भ में ''अल्डेफर की थ्योरी" पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए। 50W
उत्तर
अल्डेफर की ERG थ्योरी:-
अल्डेफर इस सिद्धांत के अन्तर्गत तीन आवश्यकताओं को रेखांकित करते हैं तथा इनकी पूर्ति कर व्यक्ति को अभिप्रेरित किया जा सकता है।
(i) अस्तित्व की आवश्यकता (Existence needs)
(ii) सम्बद्धता आवश्यकता (Relatednes needs)
(iii) वृद्धि की आवश्यकता (Growth needs)
व्याख्या :
क्लेटन पी. अल्डरफर के द्वारा प्रस्तुत अस्तित्व, संबद्धता और विकास सिद्धान्त (जो कि 1961 से 1978 के बीच विकसित किया गया), नैस्जो के द्वारा प्रस्तुत किए गए सिद्धान्त जैसा ही है। हालांकि यह सिद्धान्त पाँच की जगह केवल तीन स्तरों की आवश्यकता के बारे में बात करता है। पदानुक्रम के निम्न स्तर पर अस्तित्त्व की आवश्यकता (जीवित रहने की आवश्यकता) आती है। जैसा कि नाम से पता चल रहा है कि ये ऐसी मूल आवश्यकताएँ हैं जो कि जैविक आवश्यकता और सुरक्षा की आवश्यकता से सम्बन्धित है।
अगला स्तर संबद्धता की आवश्यकता है जो कि सामाजिक संबंधों से संबद्ध हैं। अन्तिन स्तर विकास की आवश्यकता है। यह व्यक्ति के क्षमता को प्राप्त करना, योग्यता को विकसित करना और इसी तरह की आवश्यकता से जुडा है। यह सिद्धान्त ज्यादातर, कार्यक्षेत्र अभिप्रेरण में कर्मचारी के नैतिक स्तर व उत्पादन क्षमता को बढ़ाने में प्रयोग होता है।
5. सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 के अनुसार अधिनियम का "क्षेत्राधिकार" है ? 20W
उत्तर
इस अधिनियम के तहत प्रत्येक सार्वजनिक अधिस्ताऐं नागरिकों को सूचना देने हेतु (कुब शर्तों के अधीन) बाध्य है जो अधिनियम का क्षेत्राधिकार हैं।
6 RTI के विकासक्रम पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए। 50W
उत्तर
निम्नलिखित बिंदुओं के आधार पर आप अपनी भाषा में उत्तर तैयार कर सकते हैं।
RTI का विकासक्रम
1 1923 के शासकीय गोपनीयता अधि. 1923 के अनुसार शासन से सम्बंधित सूचना गोपनीय रहेगी।
2 1990's MKSS द्वारा आंदोलन (मजदूर किसान शाक्य संगठन) (अरुणा रॉय) जनसुनवाई की मांग के लिए
3 -Zee tet films v/s Union of india
4. सुप्रीम कोर्ट ने अनुच्छेद 19 & Art. 21 का हवाला देकर जनता का जानने का हक " के पक्ष में निर्णय दिया।
5. 12 अक्टूबर 2005 - Right to information (मनमोहन सरकार) , RTI Act, 2005
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