Day 14 Tuesday
1 आकलन प्रणाली से क्या आशय है ? 20W
उत्तर
आकलन प्रणाली का आशय कार्मिकों के कार्य निष्पादन का आकलन करने वाली प्रणाली से है। इसमें गुणात्मक तथा मात्रात्मक दोनों ही प्रकार का विश्लेषण शामिल होता है जिसके अंन्तर्गत कर्मचारी की विशिष्ट भूमिका तथा संगठन के प्रति उसके योगदान की समीक्षा होती है।
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| Day 14 |
2 कार्य निष्पादन आकलन प्रणली के संदर्भ में आधुनिक पद्यतियों का उल्लेख कीजिए। 50 W
उत्तर
आधुनिक पद्धतियाँ :-
(i) उद्देश्य द्वारा प्रबंधन :-
इस पद्धति में संगठन के लक्ष्यों की प्राप्ति में कार्मिकों की गतिविधियों को जोड़ा जाता हैं जिससे प्रत्येक कार्मिक को यह बोध हो कि संगठन के लक्ष्य उससे किस प्रकार के कार्य निष्पादन की अपेक्षा करते है। अंतिम रूप से इस प्रक्रिया में कार्मिक के लक्ष्य के प्रति विचलन को आकलित किया जाता हैं तथा उद्देश्यों की प्राप्ति या कार्य निष्पादन की समय- समय पर समीक्षा की जाती है।
(ii) आकलन केन्द्र :-
इनकी स्थापना कार्मिक के किसी विशिष्ट तकनीकी कौशल की योग्यता को प्रमाणित करने में किया जाता हैं। इनका प्रयोग उम्मीदवार के वर्तमान प्रदर्शन के संदर्भ में उसकी प्रबंधन क्षमता का मूल्यांकन करने के लिए भी किया जाता हैं।
(iii) 360° मूल्यांकन पद्धति:
इस पद्धति में कार्मिक के कार्य का मूल्यांकन उसके अधीनस्थ, सहकर्मी व उच्च्च अधिकारी करते है। इस प्रक्रिया का मूल उद्देश्य यह हैं कि समूह के सदस्य के रूप में कार्मिक का प्रदर्शन कैसा है तथा किस प्रकार समूह के सदस्यों के साथ कार्य करने के कार्मिकों के तरीकों को बेहतर किया जा सकता है। किन्तु यह पद्धति जटिल एवं अधिक समय लगाने वाली हैं।
(iv) लागत लेखांकन पद्धति :-
निष्पादन मूल्यांकन की यह पद्धति किसी कार्मिक के कार्य द्वारा संगठन को हुए मौद्रिक लाभ का मूल्यांकन करने की प्रक्रिया है साथ ही यह पद्धति किसी कार्मिक को संगठन में रखने की लागत का विश्लेषण भी करती हैं।
3. अधिगम को प्रभावित करने वाले कारकों के नाम लिखिए। 20 W
उत्तर
1. सीखी जाने वाली सामग्री
2. वातावरणः- जैसे शांत, स्वच्छ वातावरण, उचित मात्रा में तापमान आदि चीजें अधिगम को सुगम बनाती है।
3. अभिप्रेरणाः- अभिप्रेरण लक्ष्य प्राप्ति करने के लिए ऊर्जा प्रदान करती है। अधिगम के लिए प्रावी क अभिप्रेरित होना अनिवार्य है।
4. शैक्षणिक पृष्ठभूमि
5. सतत बनाम आंशिक प्रबलन
6. संवेदी क्षमता
4 डेविड कोल्ब की अधिगम शैलियां पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए। 50W
उत्तर
कोल्ब ने अधिगम की चार अलग प्रकार की शैलियों बतायी इनके अनुसार प्रत्येक व्यक्ति के सीखने की शैली अलग-अलग होती है जिसके मुख्य कारण जैसे सामाजिक वातावरण, शैक्षिक अनुभव तथा व्यक्ति की बुनियादी संज्ञानात्मक संरचना आदि है।
1. DAVERGERING (अनुभव करना और देखना)
इस शैली को अपनाने वाले लोग विषय को विभिन्न दृष्टिकोण से देखते है। ये संवेदनशील होते है, विचारों के उत्पादन में अधिक सक्रिय होते है, समस्या समाधान हेतु सूचना एकत्र करते है।
2. Assimilating (देखना और चिंतन करना)
ऐसे व्यक्ति संक्षिप्त एवं तार्किक दृष्टिकोण पसंद करते है। ये लोगों से ज्यादा महत्व विचारों एवं अवधारणाओं को देते है। ये व्यावाहारिक मूल्यों से ज्यादा तार्किक सिद्धान्तों में रूचि रखते है।
वैज्ञानिक क्षेत्र में इस शैली का प्रयोग अधिक। उदाहरण- दार्शनिक
3. Convergence (करना एवं सोचना), परिवर्तित करनाः-
ऐसी शैली वाले व्यक्ति व्यावहारिक समस्याओं का समाधान ढूँढ़ने में रूचि रखते है।
ये लोग सिद्धांतों के व्यावहारिक प्रयोग करते है।
समस्याओं का समाधान करने में और प्रश्नों के उतर ढूंढकर निर्णय लेने में सक्षम होते है। उदाहरण- इंजिनियर
4. Accomodating (करना एवं महसूस करना), रहनाः
ये लोग तर्क की बजाय प्रतिभा को महतव देते है स्वयं से ज्यादा दूसरों के विश्लेषण को अधिक महतव देते है। ये नई चुनौतियों, अनुभवों तथा योजनाओं में रूचि रखते है। सीखने की शैली सामान्य आबादी में प्रचलित है।
5. W.I.P.O क्या हैं ? 20W
उत्तर
वर्ल्ड इंटेक्चुअल प्रोपर्टी ओरगेनाइजेशन (WIPO)
इसका गठन 1967 में एक सन्धि के द्वारा किया जाता है। जिसे 1970 में लागू किया गया था। यह संयुक्त राष्ट्र की विशेषज्ञ संस्थाओं में से एक है। (मुख्यालय जेनेवा स्विटजरलैंड)
6 एवरग्रीनिंग ऑफ पेटेंट से आप क्या समझते है। 50W
उत्तर
यदि पेटेन्ट धारक पेटेन्ट की अवधि समाप्त होने से पूर्व उसमें आंशिक परिवर्तन करके उसे नये आविष्कार के रूप में प्रस्तुत करता है और पुनः पेटेन्ट लेने का प्रयास करता है तो इसे एवरग्रीनिंग कहा जाता है।
यदि पेटेन्ट अधिकारी के अनुसार कोई नया आविष्कार सम्मिलित नहीं है तो वह पेटेन्ट देने से मना कर सकता है।
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