Day 17. Friday
1 विस्मृति के कोई चार कारणों के नाम लिखिए। 20W
उत्तर
1 चिह्न ह्वास के कारण
2 अवरोध के कारण विस्मृति
3 अग्रलक्षी अवरोध
4 पुनरुद्वार असफलता के कारण
2 एबीगहास के विस्मरण वक्र को समझाइए। 50W
उत्तर
एबिंगहास का विस्मरण वक्रः-
विस्मृति के क्षेत्र में एबिंगहास ने सर्वप्रथम क्रमिक प्रयास किए। ये प्रयास उन्होंने निरर्थक पदो के सहारे किया जो व्यंजन-स्वर-व्यंजन अक्षेरों से बने थे जिन्हे CVC ट्राईग्राम कहा जाता है जैसे- KEL TOP
एबिंगहास ने 2300 निरर्थक पदो की रचना करके उन्हें स्वयं ही याद किया। उन्होंने पाया कि प्रारम्भ में विस्मर की गति तीव्र थी परन्तु बाद में धीमी हो जाती है।
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| Day 17 |
3 पर्यटन प्रबन्धन के कोई चार उदेश्य बताइए। 20W
उत्तर
पर्यटन प्रबंधन के उद्देश्य
1. पर्यटन को विकसित करना एवं बढ़ावा देना।
2. पर्यटन स्थल की महत्ता एवं गुणवता को बरकरार रखना तथा उपलब्ध पर्यटन सेवाओं का विस्तार करना ताकि आर्थिक विकास एवं रोजगार के अवसर सृजित हो सके।
3. पर्यटकों को पर्यटन स्थलों की सुव्यवस्थित जानकारी उपलब्ध करवाना।
4. पर्यटन उद्योग को बढ़ावा देना तथा पर्यटन उद्योग के घटकों का प्रबंधन करना।
4 अतिथि चक्र के चरणों पर टिप्पणी कीजिए। 50W
उत्तर
आतिथ्य प्रबंधन को समझने के लिए अतिथि चक्र की संकल्पना को समझना आवश्यक है। अतिथि चक्र अतिथियों के पहुँचने से पहले प्रारम्भ हो जाता है और इसमें चार अवस्थाएँ होती हैं
(i) आगमन पूर्व अवस्था -
• अतिथि के लिए दर उद्धत करना।
• कमरा आरक्षित करना इत्यादि।
(ii) आगमन -
• अतिथि का वास्तविक आगमन।
• रजिस्टर में नाम दर्ज/चैक-इन।
(iii) ऑक्यूपेंसी (कमरे पर अधिकार) -
इस चरण में अतिथि की आवश्यकतानुसार सुरक्षा सुनिश्चित करते हुए विभिन्न सेवाएँ उपलब्ध करवायी जाती है। इसमें मुख्य बिन्दु अतिथि की संतुष्टि, ग्राहक की निष्ठा पाना है ताकि वह प्रतिष्ठान की सेवाओं को आगे भी उपयोग हेतु प्रोत्साहित हो सके।
(iv) प्रस्थान -
यह अतिथि चक्र की अंतिम अवस्था है जिसमें अतिथि चेक-आउट के लिए तैयार होता है। अतिथि द्वारा कमरे के आधिपत्य का अद्यतन रिकॉर्ड रखा जाता है जिसमें अतिथि संबंधी जानकारी व अतिथि की राय (प्रतिपुष्टि) सम्मिलित होती है।
5 विशाखा गाइडलाइन्स (20 W)
उत्तर
भँवरी देवी नामक महिला के साथ कार्य निर्वहन के दौरान यौन उत्पीड़न की घटना हुई। इस सम्बन्ध में विशाखा व अन्य के द्वारा सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दाखिल की गई। सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने माना कि भारत के वर्तमान कानून कार्यस्थल पर महिलाओं को संरक्षण देने में असफल है।
अतः एक सुदृढ़ कानून की आवश्यकता है। लेकिन कानून की अनुपस्थिति में इस प्रकार के मामलों में सुनवाई के लिए और महिलाओं को संरक्षण देने के लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिशा-निर्देश जारी किये गये। 2013 में इन्ही दिशा-निर्देशों को आधार बनाते हुए कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न से सुरक्षा का अधिनियम बनाया गया।
6 कार्यस्थल पर महिलाओं के यौन उत्पीड़न से सुरक्षा अधिनियम की धारा 20 के अनुसार जिला अधिकारी के कर्तव्य बताईए। 50W
उत्तर
जिला अधिकारी के कर्त्तव्य (धारा संख्या - 20)
1 मित्रतापूर्ण और सुरक्षित कार्यस्थल उपलब्ध करवाना।
2 LCC का गठन ।
3 महिलाओं को जागरूक करने के लिए कार्यशालाएँ आयोजित करना।
4 कार्य स्थल पर जागरूकता के संदेश प्रदर्शित करना।
5 महिला को उचित सहायता प्रदान करना।
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