Day 20. Tuesday
1. उत्पाद जीवन चक्र प्रबंधन को परिभाषित कीजिए।
उत्तर
एक उत्पाद की संकल्पना से लेकर इसकी डिजाइन व उत्पादन से होते हुए सेवा एवं प्रशमन तक के सम्पूर्ण जीवन चक्र के प्रबंधन की प्रक्रिया 'उत्पाद जीवन चक्र प्रबंधन' कहलाती है।
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| Day 20 |
2. उत्पाद जीवन चक्र पर टिप्पणी कीजिए। 50W
उत्तर
जीवित जीवों की भाँति उत्पाद का भी जीवन चक्र होता हैं, जो जन्म, विकास, परिपक्वता व हास के दौर से गुजरता है। उत्पाद के विकसित होने से लेकर उस के बाजार में प्रस्तुतीकरण तथा पतन चक्र की मात्रा की विभिन्न दशाओं को उत्पाद का जीवन चक्र कहते हैं। उत्पादन जीवन चक्र की विभिन्न अवस्थाएँ निम्न हैं प्रस्तुतीकरण, विकास, परिपक्वता, पतन
1. प्रस्तुतीकरण अवस्था
इस अवस्था में उत्पाद को बाजार में प्रस्तुत किया जाता है। यह वह स्तर होता है जहाँ आरम्भिक लागत अधिक होती अतः लाभ की सम्भावना कम हो जाती है। इस स्तर पर उत्पाद संवर्द्धन संबंधी खर्चे बड़ी मात्रा में करने पड़ते है ताकि लोग उत्पाद के बारे में जान सके।
2. विकास अवस्था
यदि हमारे द्वारा प्रस्तुत उत्पाद सफल हो जाता है तो उत्पाद विकास अवस्था में प्रवेश लेता है। इस अवस्था में बिक्री में तेजी रहती है। इसका मतलब होता है लोग उत्पाद को पसंद कर रहे हैं। प्रति इकाई लागत कम हो जाती है तथा लाभ स्तर में धीरे-धीरे सुधार होता है। इस अवस्था में आपको प्रतिस्पर्धा का सामना करने के लिए तैयार रहने की आवश्यकता होती है जिसके लिए आपको निम्न कायों का अनुसरण करना होगा जैसे- उत्पाद की गुणवत्ता बनाए रखना, आकर्षित कीमत प्रणाली रखना, ग्राहको से निष्ठापूर्वक जुड़े रहना है इत्यादि।
3. परिपक्व अवस्था
जैसे जैसे उत्पाद बाजार में सुदृढ़ होता जाता है तथा प्रतिस्पर्धा स्थिर हो जाती है तब विक्रय को भी स्थिर दर मिल जाती है तथा वह उच्च स्तर पर पहुँच जाता है, इस अवस्था में उत्पाद को ग्राहक ज्यादा पसंद करते है तथा नये ग्राहक भी उत्पाद की ओर आकर्षित होते हैं। इस अवस्था में सूजनात्मक बाजार युक्तियों जैसे बाजार विकास, उत्पाद विविधीकरण, विपणन मिश्रण में रूपान्तरण आदि द्वारा पतन अवस्था के आरम्भ को कुछ समय तक स्थगित कर सकते हैं।
4. पतन अवस्था:
नये व अच्छे उत्पादों के ग्राहकों की प्राथमिकता में आने के कारण उत्पाद को पतन का सामना करना पड़ता है इसमें उत्पाद की बिक्री कम या पूर्णतः बंद हो जाती है। जिसके प्रमुख कारण है ग्राहकों की प्राथमिकता व स्वाद में बदलाव, तकनीकी सुधार आदि।
एक बार जब विक्रयता गिरनी आरम्भ होती है तो यह अनुपयोगी विपणन को जन्म देता है तथा लागत निकालना भी कठिन हो जाता है। कुछ उत्पाद जो उत्पाद जीवन चक्र से गुजर चुके है टाइपराइटर, Alto 800, VCR (वीडियो कैसेट रिकॉर्डर) etc.
3.दबाव के किन्ही तीन स्रोतों का उल्लेख कीजिए।20W
उत्तर
1. जीवन घटनाएँ
2. परेशान करने वाली घटनाएँ
3. अभिघातक घटनाएँ
4 हेन्स सेल्य के सामान्य अनूकूलन संलक्षण सिद्धान्त को समझाइए। 50W
उत्तर
सिल्ये ने दबाव का सामना करते समय व्यक्ति द्वारा किस प्रकार अनुक्रियाएँ कि जाती है।
तथा वह दबाव प्रबंधन के लिये क्या प्रयास करता है इसके आधार पर सिल्ये ने सामान्य अनुकूलन संलक्षण अंतर्गत तीन चरण बताये-
1. प्रतिक्रिया चरणः-
किसी हानिकारक, दबावपूर्ण परिस्थिति के कारण एड्रिनल, पीयूष तथा काट्रेक्स तंत्र अधिक सक्रिय हो जाता है। इससे ग्रंथियों से हार्मोन का स्त्रावण बढ़ जाता है जिससे व्यक्ति अनुक्रिया करने के लिये प्रेरित होता है।
इस समय व्यक्ति संघर्ष या पलायन के लिये तैयार हो जाता है।
2. प्रतिरोध चरणः
यदि दबाव दीर्घकालीन होते है तो प्रतिरोध चरण प्रारम्भ होता है। इस समय हमारा शरीर संसाधनों का अधिक सावधानीपूर्वक प्रयोग करने के लिये प्रेरित होता है। इस समय जीव खतरे का सामना एवं मुकाबला करने का प्रयास करता है।
3. परिश्रांति चरणः
एक ही दबाव अथवा अन्य दबाव कारको के कारण दीर्घकालीक समय में हमारे शरीर के संसाधन निष्काषित हो जाते है। जिसके कारण परिश्रांति का तृतीय चरण प्रारम्भ होता है।
इस समय शरीर क्रियात्मक तंत्र अप्रभावी हो जाता है तथा दबाव संबंधी रोगो की संभावना बढ़ जाती है। जैसे- उच्च रक्तचाप, मधुमेह, उच्च हृदयगति आदि।
5. लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम-2012 की धारा 13 के अनुसार लैंगिक उत्पीड़न क्या है। 20W
उत्तर
कोई व्यक्ति यदि लैंगिक आशय से-
शब्द, ध्वनि या इशारा करता है या किसी बालक को उसके शरीर या उसके शरीर का कोई भाग प्रदर्शित करवाता है या बालक को अश्लील फिल्म चित्रण दिखाता है या बालक का किसी भी माध्यम से निरंतर पीछा करता है या बालक के लैंगिक कृत्य में सम्मिलित होने के चित्रण के किसी भी रूप में उपयोग की धमकी या अश्लील प्रयोजन हेतु किसी बालक को प्रलोभन देना।
6 लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम-2012 के अंतर्गत स्थापित विशेष न्यायलयों की प्रक्रिया और शक्तियों का उल्लेख कीजिए 50W
उत्तर
1 विशेष न्यायालय सुनिश्चित करेगा कि बालक को न्यायालय में साक्ष्य देने के लिए बार-बार न बुलाया जाए।
2 बालक की पहचान को गुप्त रखने की सुनिश्चितता
3 विशेष न्यायालय बालक को किसी शारीरिक या मानसिक आघात के लिए पुनर्वास हेतु क्षतिपूर्ति देने का आदेश दे सकेगा।
4 विशेष लोक अभियोजक बालक से पूछे जाने वाले प्रश्नों को सूचित करेगा।
5 विशेष न्यायालय बालक हेतु मित्रतापूर्ण वातावरण सृजित करेगा।
6 विशेष न्यायालय सुनिश्चित करेगा कि बालक को न्यायालय में साक्ष्य देने के लिए बार-बार न बुलाया बार-बार जाए।
7 बालक की गरिमा बनाए रखने की सुनिश्चितता।
8 बालक की पहचान को गुप्त रखने की सुनिश्चितता।
9 विशेष न्यायालय बालक को किसी शारीरिक या मानसिक आघात के लिए पुनर्वास हेतु क्षतिपूर्ति देने का आदेश दे सकेगा।
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